सुंदरतम त्रय ताप नसावन।

सीता राम चरित मनभावन।।


बालक बन दशरथ घर आये

किलिकिलात धाए अति भाये

पीछे तीन रानियाँ माँएं

लेकर चलें मधुरतम व्यंजन।। 

राम नाम तरय ताप नसावन।।

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