इस तरह के बयान ठीक नहीं।
यूँ भी ऊंची उड़ान ठीक नहीं।।
तीर अपने तो ठीक है लेकिन
गैर ले ले कमान ठीक नहीं।।
कुछ ज़मीं पर रहो तो बेहतर है
हर घड़ी आसमान ठीक नहीं।।
ये मुहब्बत के लोग हैं इनसे
इतनी कड़वी जुबान ठीक नहीं।।
आदमी वक़्त का मुलाज़िम है
हैसियत पर गुमान ठीक नहीं।।
दम है किरदार पे सवाल करो
मत कहो खानदान ठीक नहीं।।
सुरेश साहनी
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