फिर से मेरे करीब न आओ तो बात है।
अपने कहे को कर के दिखाओ तो बात है।।
तुमने हमें भुला दिया ये और बात है
भूले से हमको याद न आओ तो बात है।।
तंग आ चुके हैं आईना-ए-दिल सम्हाल कर
जुड़ ना सके यूँ तोड़ के जाओ तो बात है।।
आये हो और उठ के इधर जा रहे हैं हम
अब अलविदा को हाथ उठाओ तो बात है।।
क्यों हो उदास रोक लो आंसू फ़रेब के
मैय्यत पे मेरी जश्न मनाओ तो बात है।।
सुरेश साहनी कानपुर
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