जला है आज फिर बाजार बढ़िया।
चलेगा दल का कारोबार बढ़िया।।
हमारे वोट नफरत से बढ़ेंगे
बताओ किस तरह है प्यार बढ़िया।।
बताकर झूठ को सच छाप डाले
वही है आजकल अखबार बढ़िया।।
दिलों में प्यार बढ़ना ठीक है क्या
उठाओ मज़हबी दीवार बढ़िया।।
लड़ो लूटो जला डालो दुकानें
यही है आज कल रुजगार बढ़िया।।
सुरेश साहनी, कानपुर
9451545132
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