थाम कर बैठिये जिगर साहेब।

आ रहे हैं वो अपने घर साहेब।।

हो न हो ईद आज ही होगी

कल दिखे थे वो बाम पर साहेब।।

आज उतने भी सामईन नहीं

हैं यहाँ जितने सुख़नवर साहेब।।

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