ले के फिर खुशियों का साया जन्मदिन।

हर बरस की तरह आया जन्मदिन।।

दिल पे कुछ इस तरह छाया जन्मदिन

हमने भी दिन भर मनाया जन्मदिन।।

अपनी आदत है मनाते आये हैं

अपना तो अपना पराया जन्मदिन।।

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है

श्री योगेश छिब्बर की कविता -अम्मा