Tum bhi tanha
तुम भी तन्हा हम भी तन्हा।
दिल भी तन्हा गम भी तन्हा।।
इक अपने तन्हा होने से
लगता है आलम भी तन्हा।।
चाँद तेरा गम किसने देखा
रोता है शबनम भी तन्हा।।
दिल के दर्द नहीं जायेंगे
जख़्म बड़े मरहम भी तन्हा।।
हौवा ने तौबा कर ली है
फिरता है आदम भी तन्हा।।
दिल भी तन्हा गम भी तन्हा।।
इक अपने तन्हा होने से
लगता है आलम भी तन्हा।।
चाँद तेरा गम किसने देखा
रोता है शबनम भी तन्हा।।
दिल के दर्द नहीं जायेंगे
जख़्म बड़े मरहम भी तन्हा।।
हौवा ने तौबा कर ली है
फिरता है आदम भी तन्हा।।
Comments
Post a Comment