रुबाई
तुम्हारे इश्क़ में बस ये मुकाम आ जाये।
तुम्हारे आशिकों में अपना नाम आ जाये।।
हमारी मंजिले-मकसूद तब मुकम्मल है
ये जिंदगी अगर तुम्हारे काम आ जाये।।
तुम्हारे आशिकों में अपना नाम आ जाये।।
हमारी मंजिले-मकसूद तब मुकम्मल है
ये जिंदगी अगर तुम्हारे काम आ जाये।।
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