ग़ज़ल
कहाँ हैं मन्जिलें हासिल कहाँ है।
यहाँ मैं हूँ तो मेरा दिल कहाँ है।।
भरी दुनिया में तन्हा हो गया हूँ
मेरी दुनियां मेरी महफ़िल कहाँ है।।
मेरी खुशियाँ में रंगत हो कहाँ से
मेरी खुशियों में तू शामिल कहाँ है।।
यहाँ मैं हूँ तो मेरा दिल कहाँ है।।
भरी दुनिया में तन्हा हो गया हूँ
मेरी दुनियां मेरी महफ़िल कहाँ है।।
मेरी खुशियाँ में रंगत हो कहाँ से
मेरी खुशियों में तू शामिल कहाँ है।।
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