कौन इतना क़रीब है मेरे
आज ख़ुद मैं भी मेरे पास नहीं।।

मन की बात बताई हमसे गिरगिट ने
उससे बढ़कर नेता रंग बदलते हैं।।

वक्त आके जहाँ कुछ देर ठहरना चाहे
माँ तेरी गोद के जैसा कोई ठहराव नही

मेरी जिंदगी का मालिक कोई और हो न जाए।
यारब तेरे करम में कहीं देर हो न जाये।।
मेरा शौक चांदनी में वो जूनून बन गया है
कहीं देर होते होते अन्धेर हो न जाये।।

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