अमरीका के नाम पर प्राइवेट विनिवेश।

जनता को है भोगना धन तो गया विदेश।।


जिनको होना चाहिये किसी तरह भी जेल।

उनकी रक्षा के लिए नव निवेश का खेल।।

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है

श्री योगेश छिब्बर की कविता -अम्मा