मन से बोला हो या बेमन बोला तो।

तल्ख़ी में रख के अपनापन बोला तो।।

आख़िर तुमसे रिश्ता एक निकल आया

तुमने मुझको अपना दुश्मन बोला तो।।

सुरेश साहनी

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