अनियंत्रित ना हो कहीं होली का उल्लास।

दाम गैस के इसलिये केवल बढ़े पचास।।साहनी

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है

श्री योगेश छिब्बर की कविता -अम्मा