रउरे बिना लागे नहीं मनवा हो रामा आवS ना सजनवा।

सूना लागे सगरो भवनवा हो रामा आवS ना सजनवा।।

नीक नाही लागे बाबा अंगना दुवरवा

लोरवा में रुके नाही पावेला कजरवा

कईसे कईसे कटलीं फगुनवा हो रामा आवS ना सजनवा।।

हमरा के छोड़ी सइयाँ भइलें कलकतिया

केसे कहीं चढ़ली उमिर के साँसतिया

टूटि जाला चोली के बन्धनवा हो रामा आवS ना सजनवा।।

रउरे बिना लागे नहीं मनवा हो रामा आवS ना सजनवा।


चैती गीत - सुरेश साहनी

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