पंचवटी में राम बिराजे
कमल नयन सुखधाम विराजे
आठ प्रहर चैतन्य निरंतर
जहां लखन निष्काम विराजे
वीराने आबाद हुए यूं
जंगल में ज्यों ग्राम विराजे
सोहे सीय संग रघुवर ज्यों
साथ कोटि रति काम विराजे
सहज लब्ध है चहुं दिसि मंगल
जहां राम का नाम विराजे
कण कण तीरथ हुआ प्रतिष्ठित
जब तीरथ में धाम बिराजे
सुरेश साहनी कानपुर
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