कौन किससे कहे बेवफा कौन है

कह रहे हैं सभी पर सफा कौन है

आज भी तू ही तू है मेरी ज़ीस्त में

पर नज़र में तेरी दूसरा कौन है

जिसने तुमसे कहा हम बुरे हैं तो हैं

पर पता तो चले वो भला कौन है

कौन है हम भी देखें बराबर मेरे

यां मुक़ाबिल मेरे आईना कौन है

सरबुलन्दी को लेकर परेशान क्यों

सब हैं बौने तो कद नापता कौन है

पास मेरे मुहब्बत की तलवार है

आज मुझसे बड़ा सिरफिरा कौन है।।

सुरेशसाहनी

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है

श्री योगेश छिब्बर की कविता -अम्मा