हम तुम्हारे साथ  ऐसे  पल बिताना चाहते हैं।

सब ज़हाँ की उलझनें हम भूल जाना चाहते हैं।।

हमने फुर्सत में कभी तुम पर लिखी थी इक ग़ज़ल

तुम इज़ाज़त दो अगर हम वो सुनाना चाहते हैं।।साहनी

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