सोचता हूँ तुझे भुला दूँ मैं
रोज ये बात भूल जाता है।।
याद करता हूँ मैं तुझे जब भी
क्या है दिन रात भूल जाता हूँ।।
तुझसे इक रोज तो ये पूछूँगा
क्यों सवालात भूल जाता हूँ।।
तुझसे मिलकर मैं खुश नहीं होता
ये शिकायात भूल जाता हूँ।।
Sanjay Gupta भाई!समाअत फरमायें!!!!
रोज ये बात भूल जाता है।।
याद करता हूँ मैं तुझे जब भी
क्या है दिन रात भूल जाता हूँ।।
तुझसे इक रोज तो ये पूछूँगा
क्यों सवालात भूल जाता हूँ।।
तुझसे मिलकर मैं खुश नहीं होता
ये शिकायात भूल जाता हूँ।।
Sanjay Gupta भाई!समाअत फरमायें!!!!
Comments
Post a Comment