हमारे पास कोई दौलतें न थी तुम थे।
बाप दादों की विरासतें न थी तुम थे।
तुम न होते तो हम खुदा से मांगते बेशक
तुम्हारे बाद कोई हसरतें न थी तुम थे।।
तुमसे पहले हमें बलाओं ने घेर रखा था
तुम्हारे बाद कहीं आफतें न थी तुम थे।।
आज दिन भर उमस भरी गर्मी
काश की जेब भी गरम रहती।।
कल की आंधी ने थोड़ी राहत दी
थोड़ी राहत भी कब तलक रहती।।
बाप दादों की विरासतें न थी तुम थे।
तुम न होते तो हम खुदा से मांगते बेशक
तुम्हारे बाद कोई हसरतें न थी तुम थे।।
तुमसे पहले हमें बलाओं ने घेर रखा था
तुम्हारे बाद कहीं आफतें न थी तुम थे।।
आज दिन भर उमस भरी गर्मी
काश की जेब भी गरम रहती।।
कल की आंधी ने थोड़ी राहत दी
थोड़ी राहत भी कब तलक रहती।।
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