जीवन तरु मुरझाने मत दो
कितनी भी आएं बाधायें
आंधी हों या तेज हवाएँ
आशा दीप बुझाने मत दो।
प्रभु ने अवसर हमे दिया है
जी भर भर कर हमे दिया है
क्यों कृतज्ञ हम रहें किसी के
खुद को क
कितनी भी आएं बाधायें
आंधी हों या तेज हवाएँ
आशा दीप बुझाने मत दो।
प्रभु ने अवसर हमे दिया है
जी भर भर कर हमे दिया है
क्यों कृतज्ञ हम रहें किसी के
खुद को क
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