चलते फिरते गिरते पड़ते।
तय होते जीवन के रस्ते।।

हमसे तुमसे इनसे उनसे
वक्त नहीं रखता है रिश्ते।।

आगे- पीछे    ऊपर- नीचे
जीवन क्या है कुछ समझौते।।

रोना हंसना जीना मरना
रब ही जाने रब की बातें।।

जैसी करनी वैसी भरनी
फिर भी अपनी करते जाते।।

जैसे तैसे ऐसे वैसे
सब हैं अपना जीवन जीते।।

आजू बाजू दायें बाएं
भीड़ बहुत थी कैसे बचते।।

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