पितृ पक्ष में माँ को भी याद कर रहा हूँ---

माँ कहानी फिर कहो।
वो कहानी फिर कहो।।
वही जिसमें एक राजा
एक रानी फिर कहो।।

एक सुरज सात घोड़े
बादलों पर खूब दौड़े
एक चंदा धीरे धीरे
चांदनी संग झील तीरे
कमल फूला रात महकी
रात रानी फिर कहो।।

हिरन कूदा संग छौने
तीन परियां सात बौने
एक राक्षस सिंग वाला
एक जादूगर निराला
एकमोती एक मछली
बीच पानी फिर कहो।।

चाँद पर वह एक बुढ़िया
गांव की नन्ही सी गुड़िया
नाम नन्ही लाल चुन्नी
भेडियो के बीच मुन्नी
बच सकेगी क्या मिलेगी
उसकी नानी फिर कहो।।

आज टीवी और सीडी
टैब मोबाइल डीवीडी
आज कंप्यूटर सिनेमा
पास मेरे क्या नहीं माँ
पास मेरे पर नहीं
बचपन जवानी फिर कहो।।

मुझको नहलाना धुलाना
गोद में दिन रात रखना
रात भर गीले में सोकर
मुझको सूखे में सुलाना
रोज लोरी गा के आजा
नींद रानी फिर कहो।।

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