खूब भाता है मुझे मेरा शहर।
कुछ तो देता है मुझे मेरा शहर।।
नींद के बदले थकन के संग में
ख्वाब देता है मुझे मेरा शहर।।
खो गया बचपन जवानी भी गयी
यूँ सताता है मुझे मेरा शहर।।
उजाड़ता है वक्त मुझको जब कभी
फिर बसाता है मुझे मेरा शहर।।
टूटकर फिर संवरता हूँ इस तरह
आजमाता है मुझे मेरा शहर।।
घूमकर दुनिया मैं आता हूँ यहीं
कितना भाता है मुझे मेरा शहर।।...

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