वो रास्ते जिनसे सटे ऊँचे मकान हैं।
वीरानियाँ लिए हैं बहुत सूनसान हैं।।
पूजा नमाज में कोई पंडित या मौलवी
किस वास्ते दोनों हमारे दरमियान हैं।।
आदम का दीन क्या था बताये कोई हमें
फ़िलहाल कोई हिन्दू कोई मुसलमान है।।
गांधी की जगह गोडसे को पूज रहें हैं
कैसे यकीं करें कि ये हिन्दोस्तान है।।
नफरत यहाँ का सबसे बड़ा कारोबार है
मजहब यहाँ की सबसे पुरानी दुकान है।।
कतरा कभी रहा नहीं कहते हैं सब "अदीब'
गोया सभी समन्दरों के वारिसान है।।
वीरानियाँ लिए हैं बहुत सूनसान हैं।।
पूजा नमाज में कोई पंडित या मौलवी
किस वास्ते दोनों हमारे दरमियान हैं।।
आदम का दीन क्या था बताये कोई हमें
फ़िलहाल कोई हिन्दू कोई मुसलमान है।।
गांधी की जगह गोडसे को पूज रहें हैं
कैसे यकीं करें कि ये हिन्दोस्तान है।।
नफरत यहाँ का सबसे बड़ा कारोबार है
मजहब यहाँ की सबसे पुरानी दुकान है।।
कतरा कभी रहा नहीं कहते हैं सब "अदीब'
गोया सभी समन्दरों के वारिसान है।।
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