अंतरात्मा का सौदा हमको करना है।
अब हमको भी छद्मवेश धारण करना है।।
घड़ियाली आंसू से अपने क्लेश धुलेंगे
समाजवाद की यह भभूत तन पर मल लेंगे
अब मौसम की तरह हमें बदला करना है।।
हिन्दू तन मन हिन्दू जीवन अपनाएंगे
हर हर बम बम के स्वर में हम भी गाएंगे
धनपशुओं के लिए हमें जीना मरना है।।
कॉमरेड जैसी जीवन शैली अपनाकर
मजदूरों के लिए क्रांति का बिगुल बजाकर
दो रोटी के एवज में सौदा करना है।।
जोर जोर से जयbaba जय भीम कहेंगे
जातिवाद के खम्भे को जमकर पकड़ेंगे
बाबा के सपनों से क्या लेना देना है।।
गांधी नेहरू खादी चरखा बेमतलब है
राहुल और सोनिया से हमको मतलब है
अब लिनेन धारण कर दस जनपथ चलना है।।

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है