सभी सही रहे मैं ही गलत रहा शायद।
तभी तो हर सजा मैं ही भुगत रहा शायद।।
उन्हें पता था कि मैं बेगुनाह हूँ फिर भी
न बोलने की वजह मौनव्रत रहा शायद।।

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है