मुझे मंदिर मुझे मस्जिद मुझे गिरजा न जाने दो।
जहाँ इंसान बसते हों ,वहीँ पर घर बनाने दो।।
समझते हों जहाँ पर लोग केवल प्रेम की भाषा
वहीँ पर मौन रहकर गुनगुनाने मुस्कुराने दो।।
न उसको रोकना बेहतर न उसको टोकना अच्छा
अगर आता है आने दो नहीं आता है जाने दो।।
हमारी उम्र आधी कट चुकी है तुमको मालूम है
न सोचो अब तो बंधन वर्जनाएं टूट जाने दो।।
मुझे झूठी तसल्ली दी सभी ने ये ही कह कह कर
तुम्हारा है तो आएगा वो जाता है तो जाने दो।।

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