कहा था जिसने हमें रास्ता बतायेगा।
कहाँ पता था वही शख़्स लूट जायेगा।।
ख़ुदा ने गोल बनाई है इसलिये दुनिया
भटक भी जाये जो चाहे तो लौट आयेगा।।
दुकान अपनी चलाने को ही तो कहता है
सराये-फ़ानी में मौला का घर बनायेगा।।
तेरी मशीन है या सिक्का कोई इकपहलू
जो तुझसे दाँव लगायेगा हार जायेगा।।
ख़ुदा भी इब्न-ए-आदम से यूँ परेशां है
किसी को अपना ठिकाना नहीं बतायेगा।।
सुरेश साहनी कानपुर
9451545132
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