एक राष्ट्र में दिखते हैं ज्यों अलग अलग दो देश।

एक सहज है निर्धन भारत दूजा लगे विदेश।।


यह कर्तव्य युवाओं का है धर्मध्वजा लहरायें

और हमारे बच्चे शासक बन कर हुक्म चलायें


मोह त्याग हमने बच्चों को भेजा पढ़ें विदेश।

एक राष्ट्र में दिखते हैं ज्यों अलग अलग दो देश।।....


जनता आठो याम निरन्तर पैदल चल सकती है

जनरल डिब्बों के वग़ैर भी गाड़ी चल सकती है


टोल नहीं लेंगे पैदल से ये है छूट विशेष।

एक राष्ट्र में रहते हैं ज्यों अलग अलग दो देश।।....


इन अमीर बच्चों से शिक्षित भारत शिक्षित होगा

निर्धन बच्चों की शिक्षा से देश अविकसित होगा


भारत में महंगी शिक्षा लाएगी बड़ा निवेश।

एक राष्ट्र में दिखते हैं ज्यों अलग अलग दो देश।।....


कब शिक्षा को है हमने पूँजी से बेहतर माना है

शिक्षक को भी श्रमजीवी सम चाकर ही माना है


शिक्षा से भी अधिक बड़ा है पूँजी का परिवेश।।

एक राष्ट्र में दिखते हैं ज्यों अलग अलग दो देश।।....


सुरेश साहनी कानपुर

9451545132

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