चुप रहो इक मुकम्मल ग़ज़ल बन सके

प्यार का खूबसूरत महल बन सके

ताज तैयार होने तलक चुप रहो।।


ख़्वाब तामीर होने तलक चुप रहो

पूर्ण तस्वीर होने तलक चुप रहो

घर के संसार होने तलक चुप रहो।।


राज तकरार में हैं छुपे प्यार के

प्यार बढ़ता नहीं है बिना रार के

रार मनुहार होने तलक चुप रहो।।


आप इनकार करते हो जब प्यार से

प्रेम की जीत होती है इस  हार  से

मन से इक़रार होने तलक चुप रहो।।


चुप रहो प्यार होने तलक चुप रहो।।......


मेरे चर्चित गीत "चुप रहो' के कुछ अंश


सुरेश साहनी कानपुर

9451545132

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