गीतों का राजकुमार नहीं

केवल कविता का साधक हूँ

मैं चारण गान करूँ कैसे

में जनगण का आराधक हूँ

मैं संघर्षों का पांचजन्य

जन पीड़ाओं का गायक हूँ

जब जन संघर्षों के स्वर में 

जनपथ पर गाया जाऊंगा

मैं सफल स्वयं को समझूँगा

जब जन का कवि कहलाऊंगा साहनी

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