सिंह कल तक सुप्त थे जो उठ चुके हैं

 आज भारत कर चुका नवजागरण है।

विश्वगुरू निर्देश पाकर  जग चलेगा

आज उस अभियान का पहला चरण है


राम का निर्माण उनका वनगमन था

कर्बला इस्लाम् का पुनरागमन  था

कुछ है यूंही हर युवा आतुर हवन को

मृत्यु से मिल जीत को करना वरण है

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

अपरिभाषित

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है