वक़्त से बेहुज़ूर हूँ मैं भी।।
इस तरह बेक़ुसूर हूँ मैं भी।।
कौन मेरे क़रीब आयेगा
आज तो ख़ुद से दूर हूँ मैं भी।।
साथ यूँ भी नहीं चलोगे तुम
और फिर थक के चूर हूँ मैं भी।।
ताबिशें अपनी मत दिखा नादां
जान ले कोहे तूर हूँ मैं भी।।
उनकी मग़रूरियत से हर्ज़ नहीं
क्योंकि कुछ कुछ ग़यूर हूँ मैं भी।।
कोई दावा नहीं मदावे का
इब्ने-मरियम ज़रूर हूँ मैं भी।।
मत कहो साहनी अनलहक़ है
पर उसी का ज़हूर हूँ मैं भी।।
बेहुज़ूर/अनुपस्थित
बेक़ुसूर/निरपराध
ताबिशें/गर्मी
कोहे-तूर/आग का पहाड़
मगरूरियत/घमण्ड
ग़यूर/स्वाभिमानी
मदावा/इलाज़
इब्ने-मरियम/पवित्र माँ का बेटा , मसीह
अनल-हक़/अहम ब्रम्हास्मि, ईश्वर
ज़हूर/प्राकट्य
सुरेश साहनी कानपुर
9451545132
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