साथ बनो एहसान मत बनो।

साथ बनो एहसान मत बनो।
अपने घर मेहमान मत बनो।।
हमने दिल में जगह दी तुम्हें
अब मालिक-ए-मकान मत बनो।।
हमें तेरी हैसियत पता है
फर्जी आलाकमान मत बनो।।
अल्ला ने इंसान बनाया
कम से कम शैतान मत बनो।।
चुटपुटिया से डर जाते हो
हमसे ज्यादा डॉन मत बनो।।
दो लाइन कविता लिख करके
घनानंद रसखान मत बनो।।
लम्पटगीरी और छीनरपन-
करने को भगवान मत बनो।।
बिक जायेगी लुटिया थारी
ज्यादा दया निधान मत बनो।।
कुछ तो सीखो दुनियादारी
इतने भी नादान मत बनो।।

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