तस्वीरों में देख के खुश हो लेते हैं

तस्वीरों में देख के खुश हो लेते हैं
सरसों शहरों में कैसे दिख सकती है।
जिनसे आनंदित हो जाता है तनमन
वो चीजें गांवों ही में मिल सकती है। 
शहरों में गमले वह भी आधे सूखे
उनमे भी आधे काँटों के वंशज हैं।
बौने कर के बड़े बड़े पेड़ों के तन
कमरों में रख देते अपने देशज हैं।।
तन से देशी मन विलायती कपड़ेभी
जिन पर मिटटी तो दूर धूल का नाम न हो।
गांवों से रिश्तेदारी से खेती बाड़ी से
संपर्क तनिक न रखते जब तक काम न हो।।

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