हाँ वो मेरी बिरादरी का है।
हाँ वो मेरी बिरादरी का है।
वो भी शायर है खूब लिखता है।।
वो भी शायर है खूब लिखता है।।
वो मेरा एहतराम करता है
देखते ही सलाम करता है
मेरा उससे कोई तो रिश्ता है।।
देखते ही सलाम करता है
मेरा उससे कोई तो रिश्ता है।।
उसकी बातें हमें खटकती हैं
उसकी बातों में साफगोई है
जो भी कहता है मुंह पे कहता है।।
उसकी बातों में साफगोई है
जो भी कहता है मुंह पे कहता है।।
मैं पुजारी हूँ वो नमाज़ी है
मेरी आदत में बेनयाजी है
फिर भी मेरा ख़याल रखता है।।मेरा उससे...
मेरी आदत में बेनयाजी है
फिर भी मेरा ख़याल रखता है।।मेरा उससे...
Comments
Post a Comment