रउरे तकला से सब हरियराये लगल।
रउरे तकला से सब हरियराये लगल।
मन मरुस्थल में उपवन बुझाए लगल।।
मन मरुस्थल में उपवन बुझाए लगल।।
जइसे जइसे समय चक्र आगे बढ़ल
नेह महकल दिशा गमगमाये लगल।।
नेह महकल दिशा गमगमाये लगल।।
हमके आपन दशा का कहीं का भयल
मन के अमवारियो बौरआये लगल।।
मन के अमवारियो बौरआये लगल।।
उनके रहिया निहारत गईल जिन्नगी
अईलें जब देह टिकठी प जाए लगल।।
अईलें जब देह टिकठी प जाए लगल।।
उनके केतना बा लमहर उमर का कहीं
याद कइलीं आ फोन घनघनाये लगल।।
याद कइलीं आ फोन घनघनाये लगल।।
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