क्या  वो मज़बूरी में फंसकर करते हैं।

अरे नहीं वो ऐसा अक्सर करते हैं।।

तुम क्या समझे दल बदला है जनहित में

जो उनकी ख़ातिर हो हितकर करते हैं।।साहनी

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