उसकी आँखों मे सुरमई मौसम।

उसके गालों पे चम्पई मौसम।।

उसकी चुनरी है जबकि बासन्ती

उसका चलना है फागुनी मौसम।।

राह को जोहती निगाहों में 

डबडबाता है सावनी मौसम।।

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