आप हमसे क्यों ख़फ़ा हैं क्या कहें।

आप से हम कब सिवा हैं क्या कहें।।

गिर्द मौजें हों कि तूफ़ां उसके सब

हम कहाँ उससे जुदा हैं क्या कहें।। 

आप सब शिकवे गिले उससे करें, 

हम  ज़रा से नाख़ुदा हैं क्या कहें।।

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