कुछ सलीके के कारोबार करें।
अब मुहब्बत को दरकिनार करें।।
दिल लगाकर तो बेक़रार हुये
आप कहते हो फिर क़रार करें।।
किसके दौलतकदे पे सर रख दें
किसकी सरमा से जाके प्यार करें।।
और किसके लिए अदावत लें
जब वो गैरों पे दिल निसार करें।।
और फिर किसकी राह देखें हम
और किस किसका इंतज़ार करें।।
अपनी सांसों पे एतबार नहीं
आप पर भी क्यों एतबार करें।।
हम भी ग़ालिब को बोल दें चच्चा
सिर्फ़ तसदीक़ जो ख़ुमार करें।।
उन से कहिए नये अदीबों में
साहनी को भी तो शुमार करें।।
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