एगो भोजपुरी ग़ज़ल...


फेर जनउरी छब्बिस वइसन आयी का?

निम्मन दिन के आशा फेर धराई का।।


रमरतिया के बेटी नींद में चिहुंकल बा

गांव में फेनियो नेता कवनो आयी का?


गाँव मे केहु काहें रुपया बांटत बा

अबकी खेती भी रेहन रखवाई का।।


का अब केहु गाँव मे महुआ बीनेला

अब्बो गांव में महकेले अमराई का?


ए बाबू उ जून जमाना बीत गइल

अब अपने घर बाटे उ अंगनाई का?


अब होली में रंग कहाँ से आई हो

पटिदारी में का देवर भउजाई का?


जवन लजात रहे उ रधिया कहाँ गइल

केहू ओकरे जइसन आज लजाई का?


ढेर बरिस पर गांवें में लउकल बानी

ए सुरेश जी रउरो खेत बिकाई का?


सुरेश साहनी कानपुर

#भोजपुरी

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