दूसरों के वास्ते आख़िर कहाँ तक जान दें।

अब ज़रूरी है कि कुछ अपने भी ऊपर ध्यान दें।। 


जो हमें आदर न दे परवाह उसकी व्यर्थ है

जो न दे सम्मान उसको किसलिए  सम्मान दें।।


इनकी उनकी सबकी ज़िंदाबाद में हम खो गए

बेहतर होगा कि हम ख़ुद को कोई पहचान दें।।


अब तो गिव एंड टेक का ही है चलन चारो तरफ

मान उनको चाहिए तो वो हमें भी मान दें।।

 


सुरेश साहनी कानपुर

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