क्या भूल गये हो कि मुझे याद करे हो।
मैं ही हूँ अज़ल से जिसे बरबाद करे हो।।
जैसे हो सताने में कहाँ चूक करे हो
हर रोज़ तरीका नया ईजाद करे हो।।
माहिर हो तग़ाफ़ुल में कोई जोड़ नही है
बस इतना बता दो किसे उस्ताद किये हो।।
किस किस पे चलाये हो सनम नैन के जादू
कितनों को कहो प्यार में मुनकाद करे हो।।
इस दिल पे सितम लाख करे जाओ हो लेकिन
जब अपने पे आ जाय तो फरियाद करे हो।।
अज़ल/सृष्टि का आरंभ, आदि, शुरुआत से
ईजाद/ खोजना, अविष्कार
माहिर/कुशल
तग़ाफ़ुल/ उपेक्षा, ध्यान न देना
मुनकाद/ वशीभूत, सम्मोहित
सुरेश साहनी कानपुर
9451545132
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