सजीले ख़्वाब आने की वजह थे।
कभी तुम मुस्कुराने की वजह थे।।
ज़माने की नज़र यूँ ही नहीं थी
तुम्हीं तो इस निशाने की वजह थे।।
ये माना अब नहीं हो दास्तां में
मग़र तुम हर फ़साने की वजह थे।।
अभी तुम मेरे रोने की वजह हो
कभी हँसने हँसाने की वजह थे।।
बताओ क्या करें इस कश्रे-दिल का
तुम्हीं इस आशियाने की वजह थे।।
सुरेश साहनी कानपुर
9451545132
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