तुम जो मिलते तो तुमको समझाते।
झूठ हैं प्यार वार के नाते।।
तुम मुझे याद तो नहीं करते
फिर मुझे भूल क्यों नहीं जाते।।
जिस्म किसको दिया नहीं मालूम
दिल भी जाकर उसी को दे आते।।
अब मिलोगे यकीं नहीं फिर भी
तुम जो मिलते तो खूब बतियाते।।
तुम थे गोया कोई हसीं मतला
काश हम तुमको गुनगुना पाते।।
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