कभी चलाएं ये बुलेट कभी जलाएं रेल।

दाग छुपाने हित जपें गांधी और पटेल।।SS दोहा

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

श्री योगेश छिब्बर की कविता -अम्मा

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है