भाग रहे थे नादानी में रूठ गयी अम्मा।

जाने कैसे बीच सफर में छूट गयी अम्मा।।

बड़े बड़े तूफानों से टकरा जाती थी, पर

अपनी सांसों से लड़ने में टूट गयी अम्मा।।

Suresh Sahani  kanpur

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

श्री योगेश छिब्बर की कविता -अम्मा

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है