जा चुके थे मगर लौट आये।
फिर से अपने शहर लौट आये।।
ग़म तेरे जैसे घर लौट आये।
यूँ ही खुशियाँ अगर लौट आये।।
वो कशिश हुस्न में तो नहीं थी
इश्क़ का था असर लौट आये।।
वो तो इस ऒर से बेख़बर थे
हम ही लेके ख़बर लौट आये।।
एक ठोकर लगी आशिक़ी में
और हम वक़्त पर लौट आये।।
आसमानों में क्यों हम न जाते
जब कि फिर बालो पर लौट आये।।
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