कैसे कह दें अम्मा हमको छोड़ गयी थीं
ले जाकर श्मशान घाट पर अग्नि तिलांजलि किसने दी थी
फिर मरने से पहले भी तो अम्मा कितनी बार मरी थीं
केवल माँ अपने रिश्तों को मर मर कर जीवन देती है
वे अपने जो समय समय रिश्तों को डसते रहते हैं
तुम्हे पता है किसी प्रसव में नया जन्म होता है माँ का
सोचो सोचो हमें जन्म दे अम्मा कितनी बार मरी थीं
तिनकों से इक नीड़ बनाना इतना भी आसान नहीं है
अम्मा और पिता दोनों ने टूट टूट कर घर जोड़ा है
अक्सर उनके अरमानों पर पानी भी फेरा है हमने
कई बार अम्मा के सपनों को हम सब ने ही तोड़ा है
पाई पाई जोड़ गाँठ कर जिन्हें संजोया था अम्मा ने
उन्हें टूट जाने पर हमने अम्मा को मरते देखा है
किसने बोला देह छोड़ना ही माँ का मरना होता है
माँ बच्चों की ख़ातिर जीवन भर तिल तिल मरती रहती है
अक्सर ऐसा भी होता है जिसे सहेजा हो इक माँ ने
उस आँगन में बंटवारे की अगर कोई दीवार उठे तो
ऐसे में अपने जीते जी वह माँ भी मर ही जाती है
अच्छा ही है मेरी माँ ने ऐसा कोई दंश न झेला
पर अम्मा की सुधि लेने में कुछ तो हमसे चूक हुई थी
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